इंडिया का हर बच्चा हो या बूढ़ा या जवान सभी मोदी के नाम से परिचय हैं,एक सभा के दौरान एक लड़की ने बीच सभा मैं उन्हें अपनी जुटी फेक के मारा,जब उसने जुटी फेक के मारा तो वह पर उपस्थित सभी मीडिया कर्मी और वह मौजूद लोगो ने वीडियो बनया था लेकिन यह वीडियो कभी भी किसे मीडिया चैनल और लोगो ने शेयर नहीं किया,कहा तो यह भी जाता हैं की वह उपस्थिति सभी लोगो के फोन और कैमरा से वीडियो को डिलीट कर दिया गया था,
मोदी कि सिक्योरिटी गर्द ने उस लड़की को बीच सभा पकड़ लिया,और सभा के बीच मैं से हटा दिया गया,लड़की को जब सिक्योरिटी बहार ले के जा रहे थी तो लड़की जोर जोर चीखती चिलाती और मोदी को गली दे रही थी,कहा जा रहा था की लड़की की मानसिक संतुलन गड़बड़ हैं,लेकिन लड़की वीडियो मैं जोर जोर से बोल रही हैं की मोदी के वजह से मेरा गांव बर्बाद हो गया हैं मोदी जी कि वजहसे,
मोदी कि सिक्योरिटी गर्द ने उस लड़की को बीच सभा पकड़ लिया,और सभा के बीच मैं से हटा दिया गया,लड़की को जब सिक्योरिटी बहार ले के जा रहे थी तो लड़की जोर जोर चीखती चिलाती और मोदी को गली दे रही थी,कहा जा रहा था की लड़की की मानसिक संतुलन गड़बड़ हैं,लेकिन लड़की वीडियो मैं जोर जोर से बोल रही हैं की मोदी के वजह से मेरा गांव बर्बाद हो गया हैं मोदी जी कि वजहसे,
Video Of Pm Modi VS Angary Girls
1 भारतीय रेल को डीज़ल सप्लाई का ठेका इंडियन ऑइल कार्पोरेशन को मिलना चाहिए था लेकिन मिला रिलायंस पेट्रोकेमिकल्स को..!
2.ऑस्ट्रेलिया की खानों के टेंडर में सरकार चाहती तो "एमएमटीसी" की बेंक गारंटी एसबीआई के जरिये दे सकती थी... लेकिन मिला अडानी ग्रुप को...!
3.फ्राँस के रफेल फ़ाइटर जेट का भारतीय पार्टनर हिंदुस्तान एरोनौटिक्स लिमिटेड को होना चाहिए... लेकिन ऑर्डर मिला रिलायंस - "पिपावा डिफेंस"...!
4.."डिजिटल इंडिया" का अगुवा रिलायंस - "जियो" बना, जबकि मौका बीएसएनएल / एमटीएनएल के पास पूरा था...!
5.कैशलेस इकोनॉमी का अवतार एनपीसीआई के "रुपए" को बनना चाहिए था... लेकिन बाज़ी सीधे-सीधे "पे-टीएम" के हाथ लगने दी गई...!
6".सरकारी संस्थानों को जान-बूझकर प्राइवेट कंपनियों का पिछलग्गू बनाकर किसे फ़ायदा पहुँचाया जा रहा है...?
7"अब.अगर फ़िस्क़ल और मॉनेटरी पाॅलिसीज़ में चेंजेज़ आ ही रहे हैं, तो इसका मुनाफ़ा सरकारी उपक्रमों को मिलने के बजाय निजी हाथों में क्यों दे रहे हो...?
सुनो, राजनीति और राष्ट्रहित कभी एक नहीं हो सकते... देशप्रेम और किसी व्यक्ति-विशेष का चारित्रिक पूजन करने में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है.. इस फ़र्क़ को समझना ज़रूरी है और असलियत के धरातल में रहना उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है...
अंधभक्ति और जी-हुज़ूरी करना इसलिए भी ग़लत होता है क्योंकि वो आपसे आपका सवाल पूछने का अधिकार छीन लेता है...
इस पोस्ट को गंभीरता से पढ़िए सोचने के लिए विवश करती है। आपकी कि क्या बिचार धरा हैं
